मेरा हिंदुस्तानी दिल, अपनी प्यारी मातृभाषा में अपनी बात कह रहा है...
शुक्रवार, 12 अगस्त 2011
हिन्दी में मेरा पहला पोस्ट... :)
आज मैं बहुत खुश हूँ। :)
मुझे भाषाओं से न जाने कैसा लगाव रहा है। नहीं, नहीं इसका ये मतलब बिल्कुल भी नहीं है कि मैं ढेर सारी भाषाएँ जानती हूँ :D इसलिए तो कहा, "न जाने कैसा लगाव", और आज तो मैं अपनी मातृभाषा में लिख रही हूँ। यही है मेरी खुशी का कारण।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें